ओ ईजा….म्यर ईजा

म्यर ईजा…
कन याद समाई ममता मा
दुध भात खिलाई बचपन कु
जब याद ले उँछि ओ ईजा
मन ले दौडि त्यर बाँट पिछाणि
म्यर ईजा…
ब्याव बखत कमरा पँहुचदु
बुलबुलि ऐण मा करि
बनठनि कु सितणु छू
स्वैण मा लै जुण घर उत्था जी
भल आँगणि एक घाँघरि
म्यर ईजा…
निँद मा हैग्यु घनाघौर हे ईजा
जन पिछाडि मुड़ जा ईजा
देश बे ऐरु त्यर भेट-भिटाणु
सुपि-सुपणियोँ मा ऐग्यु घौर
म्यर ईजा…
स्वैण टुटण तै पैलि
हँसदि मुखडि मिठु बोल
चौथार मा बैठि फँसक लगाणु
म्यर ईजा…
स्वैण टुटि जौल राति ब्याण
ऐण मा दैखुण…
टिक पिठाँ यु आँसु आल
टिक पिठाँ यु आँसु आल
त्यर बिन कसकै कटनु दिन म्यरा
तिमलु पाता पाण धरि पराण म्यार
ओ ईजा….म्यर ईजा

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
© 2013 copy right पहाडि कविता ब्लाँग , All Rights Reserved

Leave a comment