“आ सुणडा यु रिर्वाज कुँर्मो होई कु जुबान”

(होली-होरी-होई)

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“आ सुणडा यु रिर्वाज
कुँर्मो होई कु जुबान”

फाँल्गुण मास एक गतै
21 दिन बैठ होली
गाजि-बाजि सार कुँर्मो
कुँर्मो होली गीत मा
गौ गाड़ा झौवड चाचरि
गौ बखाई घर- घरा
नान-ठुला बुँढ-बाँढा
ढोल-ढमँऊ हुडकि बौल
शिवराञि कु… शिव होलि
शिव होली मा नर-नारी
काथ-पुराण लोकगीत
गाजि-बाजि सार कुँर्मो
रँग मँगडि नर- नारी
रँग मँगडि नर- नारी

छै दिनु ठाड होई (खडि होली)
बखाई बखाई यु घुमि
कुरता-पजाम टोप मा
घँघरि डालि घेर मा
झौवड चाचरि नर- नारी
होली स्वाँग कु भरमार
देव लौगुण गीत मा
ले चढै होली आग
ले चढै होली आग

ठाड होई कु पँचवा दिन
निशाणु प्रतितक तै
ढोल- ढमँऊ छाजि गीत
सार कुँर्मो गौ वा गौ
देवि थाण होली चैढ
देवि थाण होली चैढ
बुरँशि खिलि दब्यतू थाण
ढोल-ढमँऊ गाजि- बाजि
कौतिकै होली उकाल
नान कै ठुला खूब झुमि
कौतिकै हुलार होली
कौतिकै हुलार होली

ठाड होई कु छटँवा दिन
छटँवा छँलडि होली कु
सार कुँर्मो भिजि जा
छँपडा छँपौड होई मा
पानि कु बौछार तै
पानि कु बौछार तै
माँठ-माँठु यु हुलै

“कुँर्मो होली कु हुँयार
कुँर्मो होली कु हुँयार”
नैऐ धौई…
हँलवा होली यु पकै
देव कु पँखुवा चैढ
ईष्ट मिञ गौ गाड़ा
होली कु प्रसाद बँट
होली कु प्रसाद बँट

“आ सुणडा यु रिर्वाज
कुँर्मो होई कु जुबान”

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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