“ओ गोरुँवा गावा नि बजा मुरुलि कु तान ना”

“ओ गोरुँवा गावा नि बजा मुरुलि कु तान ना”
ऊँचो निचो डाण्डि मा
रिमझिमा बरखा कु भाँदओ मा
मैगणि याद ऐगे सुवा कु बुलाण
परदेशु मा छू भागी
मन मेरो उदास

डूटि मेरो ले-लँद्दाख
बफिलो डाण्डि मा
घुसपैठि ऐरि दुश्मन पडोस कु
छुट्टि मेरो रोकि हैलिण
देश कु पहेरी हैरिण

“ओ गोरुँवा गावा नि बजा मुरुलि कु तान ना”
त्यर मुरुलि तान सुनि
आँखा मेरो भैरि ऐरि

द्यु चार दिन हैई
सुवा कु चिट्टि ऐई
खोलि नै… पढि नै
कै जवाब दैणु
कै जवाब दैणु
एक हाथा रैफेले मेरो
जेब धरि.. सुवा कु चिट्टि मेरी
दुश्मनु कु गोलि छुटि
सुवा कु… कै जवाब दैणु
दुश्मनु जवाब ऐगो
दुश्मनु जवाब ऐगो

“लोटि जा रे गोरुँवा गावा”
दुश्मनु कु गोलि छुटि
सुवा कु..
कै जवाब दैणु
कै जवाब दैणु

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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