जाण दै ईजू परदेशा डिगरी म्यरोँ हाथ मा

जाण दै ईजू परदेशा
डिगरी म्यरोँ हाथ मा
नि हुणो गुजरोँ… कुलि बोल मा
ढूँग तोडि गाड़ मा
कमरे टूटि एक चोट मा

जाण दै ईजू परदेशा
डिगरी म्यरोँ हाथ मा
दगडे छिण दगडि ले
ले गिणा परदेशा
छोटि मोटि नौकरी करी
डबल भैजुण मर्निओडरा

सुन ले म्यर ‘सुन्दरा’ तू
कसकै रोकू तुगणि रे
डिगरी त्यरोँ हाथ मा
त्यर बौज्युल ये रैबेर
जिन्दगी काटी… यु पहाड मा

कसकै रोकू तुगणि रे
डिगरी त्यरोँ हाथ मा
दुध बेचि हल लगाई बैर
कोलेज कराई तुगणि रे
दिन दोपहरी घाम मा
छवट मवट काम करि रे
रैबेर यु पहाड मा
सबुक पेट पालि… यु पहाड मा

कसकै रोकू तुगणि रे
डिगरी त्यरोँ हाथ मा
सरकारले पट करि रे
नौकरी चाकरी
पहाड बटि दुर करि रे
पहाडि नानतिणा कै
सरकारले तोडि आस
तू नि तोडिये हमरे आस रे
बुढ पराण छिण
बुढ पराण छिण

जाण दै ईजू परदेशा
डिगरी म्यरोँ हाथ मा
बिन घुसक नि मिलि
सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी
डिगरी लिबेर फेल हैगिण
सरकारी दफतर मा
सरकारी दफतर मा

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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