“रै मिस्तरि”
गार-माट कु उ चिनाई
अजर-अमर हैगिण रै
अब का ढुँढू….?
रै मिस्तरि
चार क्वाणोँ मा शैल धरि
राज मिस्तरि त्यर नौ पडि
पुरान कुडि मा छाप गडि
हाथ हतौडा कुरता पजामा
ख्वर मा वैकु टोपि रै
यु वेशभूषा मा…
पुरान कुडि कु मिस्तरि रै
कै छा देखि दगडियोँ तुमले
चार दिनोँ कु भुखे प्यासु
रै मिस्तरि
पुरान कुडि ले झर-झर हैगिण
एक रिपेयरिँग कर जा रै
बाँस-पात्थरा हिलणि हैगिण
दवार-पटला दिमंगि गिण
सौण-भादोँ सी…
गाड-ग्धेरोँ..म्यर भतैरोँ
ओ रे दगडियो
कथै हैराइण यु मिस्तरि
खोज खबर कर ल्यौव रै
“एक रिपेयरिँग पुरान कुडे तै”
वैकु जस…
‘interior’ धारि
का छु रै यु बखत
का छु रै यु बखत
लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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