ऐ मेरे देश वतन के लोगो
जरा याद करो उस नारि को
लक्ष्मी बाई झाँसि वालि
सन् 1857 कि ओ क्राँति को
जो मर मिटे इतिहास बने
ऐ देश सपूँतो जोश भरो
जो दहांड रहा है चीन हमारे
धरती माँ पे…
इतिहास के पन्ने पढ के देखो
भुँजा मे अपने जोश भरो
जो दहांड रहा है चीन हमारे
धरती माँ पे…
आँच ना आने देगे हम
जब तक साँस कि डोरि ना टूटे
आँच ना आने देगे हम
धरती माँ पे अपने हम
जो बुरी नजर से चीन बडा है
धरती माँ के पविञ धरा पे
जरा याद करो उन वीरो को
जो शहीद हुऐ है
शरहद कि माटि मे
ऐ देश सपूतो जोश भरो
जो दहांड रहा है चीन हमारे
धरती माँ पे…
ऐ मेरे देश वतन के लोगो
र्कज चुकाना है माटि का
ना लूटने देगे ना मिटने देगे
देश धरा कि माटि को
इतिहास गँवा है
चीन ने घोपे कितने खँजर
धरती माँ के छाँती पर
अब और नही
देश कि माटि तिलक लगा के
भुजा मे अपने जोश भरो
ऐ मेरे देश वतन के लोगो
र्कज चुकाना है माटि का
जब तक साँस कि डोरि ना टूटे
जब तक साँस कि डोरि ना टूटे
जब तक साँस कि डोरि ना टूटे
लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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